छत्तीसगढ़ शासन ने नक्सल पीड़ितों और आत्मसमर्पित नक्सलियों के लिए राहत एवं पुनर्वास नीति-2025 लागू की
रायपुर, ।
छत्तीसगढ़ शासन ने राज्य में नक्सलवाद से प्रभावित क्षेत्रों के लिए एक महत्त्वपूर्ण निर्णय लेते हुए “नक्सलवादी आत्मसमर्पण/पीड़ित राहत एवं पुनर्वास नीति-2025” को औपचारिक रूप से लागू कर दिया है। गृह विभाग द्वारा 28 मार्च 2025 को जारी अधिसूचना में इसके प्रभावी क्रियान्वयन हेतु समस्त जिलों में विशेष समितियों के गठन के निर्देश दिए गए हैं।
यह नीति, नक्सल हिंसा से प्रभावित व्यक्तियों और उनके परिवारों – जैसे मृत्यु, गंभीर घायल अथवा स्थायी रूप से अपंग हुए पीड़ितों – तथा आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों के पुनर्वास व राहत के उद्देश्य से तैयार की गई है।
प्रत्येक जिले में कलेक्टर की अध्यक्षता में पुनर्वास समिति गठित की जाएगी, जिसमें पुलिस अधीक्षक सचिव होंगे। समिति में वनमंडलाधिकारी, जिला पंचायत के सीईओ, कलेक्टर द्वारा नामांकित दो अन्य अधिकारी एवं सशस्त्र बलों के प्रतिनिधियों को भी शामिल किया जाएगा।
साथ ही, प्रत्येक जिला एवं सब-डिविजन स्तर पर एक-एक नोडल अधिकारी की नियुक्ति की जाएगी, जिनका मोबाइल नंबर एवं ई-मेल राज्य शासन को भेजा जाएगा। ये अधिकारी समस्त पुनर्वास कार्यों की निगरानी करेंगे।
गृह विभाग ने निर्देश दिया है कि राज्य गठन के उपरांत से अब तक के सभी पीड़ित प्रकरणों को चिन्हित कर प्राथमिकता के आधार पर राहत एवं पुनर्वास की कार्यवाही की जाए।
इस नीति के अंतर्गत एक विशेष पोर्टल का विकास किया जा रहा है, जिसमें प्रत्येक पीड़ित एवं आत्मसमर्पित व्यक्ति की जानकारी दर्ज की जाएगी और उन्हें यूनिक आईडी प्रदान की जाएगी। संबंधित अधिकारी इस पोर्टल के डैशबोर्ड का नियमित अवलोकन कर कार्यों की प्रगति सुनिश्चित करेंगे।