
दुर्ग। शासकीय विश्वनाथ यादव तामस्कर स्नातकोत्तर स्वशासी महाविद्यालय, दुर्ग के योग विभाग में प्रमाण पत्र वितरण एवं नवप्रवेशी विद्यार्थियों का स्वागत कार्यक्रम गरिमामय वातावरण में सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती के पूजन एवं दीप प्रज्वलन के साथ किया गया।
कार्यक्रम में महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. अजय कुमार सिंह की गरिमामय उपस्थिति रही। अपने आशीर्वचन में उन्होंने कहा कि “योग के विद्यार्थी जीने की कला जानते हैं, वे श्रेष्ठ नागरिक बनते हैं तथा अपने स्वास्थ्य के साथ समाज के स्वास्थ्य के प्रति भी सजग रहते हैं।”
वाणिज्य विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. शेषनारायण झा ने कहा कि योग विभाग के विद्यार्थियों की अभिवादन शैली प्रभावित करती है, जिससे आध्यात्मिक विकास होता है और यह भारतीय संस्कारों का परिचायक है।
रसायन विभाग की वरिष्ठ प्राध्यापिका डॉ. अनुपमा कश्यप ने योग से “तन, मन और धन” तीनों रूपों में लाभ प्राप्त होने की बात कही, जिससे चित्त की शुद्धि होती है।
संस्कृत विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. जनेंद्र कुमार दीवान ने अपने उद्बोधन में कहा कि “योग आत्मा से परमात्मा के मिलन का मार्ग है — गागर में सागर भरने जैसा।”
योग विभाग के विभागाध्यक्ष श्री लक्ष्मेंद्र कुलदीप ने स्वागत भाषण में विभाग की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि विभाग के पूर्व विद्यार्थी आज विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य कर रहे हैं — जिनमें जवाहर नवोदय विद्यालय, केंद्रीय विद्यालय, एवं वेलनेस सेंटर में सेवाएं देने वाले विद्यार्थी शामिल हैं। अनेक विद्यार्थी स्वास्थ्य, शिक्षा, सांस्कृतिक, खेल एवं योग के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रदर्शन कर रहे हैं।
कार्यक्रम का संचालन नवप्रवेशी छात्र मोरध्वज ने किया। कार्यक्रम के अंत में योग प्राध्यापिका डॉ. नीरा सिंह ने आभार व्यक्त किया तथा पूर्व विद्यार्थियों को प्रमाण पत्र वितरित किए गए।
इस अवसर पर पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ. सतीश सेन तथा सहायक रोहित कुमार राजपूत सहित योग विभाग के समस्त विद्यार्थी उपस्थित रहे।
कार्यक्रम की सफलता पर प्राचार्य डॉ. अजय कुमार सिंह ने योग विभाग को हार्दिक बधाई दी।