रायपुर (छत्तीसगढ़):
केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले को वामपंथी उग्रवाद (LWE) प्रभावित जिलों की सूची से बाहर कर दिया है। इस फैसले के साथ ही बस्तर को केंद्र सरकार द्वारा LWE प्रभावित जिलों को दी जाने वाली विशेष सुविधाएं और वित्तीय सहायता अब नहीं मिलेगी।
यह निर्णय केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा लिया गया है, जिसमें बस्तर को अब नक्सल प्रभावित क्षेत्र नहीं माना जाएगा। बस्तर संभाग के कुल 7 जिलों में से 2—कोण्डागांव और नारायणपुर—को वर्ष 2025 में नक्सल मुक्त घोषित किया गया है।
प्रभाव:
इस निर्णय का सीधा असर बस्तर के विकास कार्यों पर पड़ सकता है क्योंकि अब इस क्षेत्र को केंद्र से मिलने वाली विशेष योजनाओं और विकास कोषों का लाभ नहीं मिलेगा।
नक्सल मुक्त जिले:
कोण्डागांव और नारायणपुर सहित अन्य जिलों जैसे दंतेवाड़ा, बीजापुर, सुकमा, बस्तर और कोंटा को धीरे-धीरे नक्सल मुक्त घोषित करने की प्रक्रिया जारी है।
प्रशासन की प्रतिक्रिया:
बस्तर के कलेक्टर ने बताया कि यह एक सकारात्मक संकेत है कि क्षेत्र में शांति लौट रही है और सरकार की रणनीतियों के परिणाम सामने आ रहे हैं।