
बालोद, 09 सितंबर 2025 – छत्तीसगढ़ के बालोद जिले में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के कर्मचारियों का आंदोलन लगातार तेज होता जा रहा है।

नियमितीकरण और 10 सूत्रीय मांगों को लेकर सोमवार को हड़ताल के 22वें दिन तक कर्मचारी डटे रहे। इस दौरान लगभग 50 कर्मचारियों ने अपने खून से मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल को पत्र लिखकर स्थिति की गंभीरता जताई। इन पत्रों में कर्मचारियों ने अपनी-अपनी मांगों को अलग-अलग कार्ड पर लिखकर पोस्ट भी किया।
22वें दिन भी जारी हड़ताल
एनएचएम कर्मचारी संघ के जिला अध्यक्ष खिलेश साहू ने बताया कि कर्मचारियों का आंदोलन अब निर्णायक दौर में प्रवेश कर रहा है। उन्होंने कहा कि यदि जल्द ही सरकार ने सुनवाई नहीं की तो विरोध को और तीव्र किया जाएगा। इसी कड़ी में 9 सितंबर को जल सत्याग्रह किया जा रहा है। कर्मचारियों का कहना है कि जब तक सरकार लिखित आदेश जारी कर मांगें पूरी नहीं करती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप
साहू ने आरोप लगाया कि सरकार ने मोदी की गारंटी के तहत अपने घोषणा पत्र में वादा किया था कि सत्ता में आने के 100 दिन के भीतर कमेटी का गठन कर नियमितीकरण और दूसरी समस्याओं का समाधान किया जाएगा। लेकिन 20 महीने से अधिक समय बीत जाने के बावजूद इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। इसका परिणाम यह है कि कर्मचारी अपने संवेदनशील पदों को छोड़कर मजबूरन सड़क पर उतरने को बाध्य हुए हैं।

आंदोलन को मिला प्रदेशव्यापी स्वर
बालोद ही नहीं, बल्कि प्रदेशभर में हजारों NHM कर्मचारी आंदोलनरत हैं। कुछ दिन पहले ही 25 कर्मचारियों की बर्खास्तगी के बाद आंदोलन और उग्र हो गया। प्रतिक्रिया स्वरूप प्रदेशभर के एनएचएम कर्मचारियों ने सामूहिक इस्तीफे भी दिए थे।
हड़ताल के कारण स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हो रही हैं, वहीं कर्मचारी नियमितीकरण और सेवा शर्तों में सुधार से पहले पीछे हटने को तैयार नहीं हैं।