
दुर्ग, ।
श्री अविचल शर्मा ने आज हेमचंद यादव विश्वविद्यालय (पूर्व में दुर्ग विश्वविद्यालय) में अपनी डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी (पीएच.डी.) थीसिस का सफलतापूर्वक बचाव किया। यह शोध वैश्विक नीति और क्षेत्रीय शिक्षा के एक महत्वपूर्ण अंतरसंबंध को संबोधित करता है।
थीसिस का शीर्षक है: “छत्तीसगढ़ में उच्च शिक्षा प्रणाली के साथ सतत विकास लक्ष्य 4 (SDG 4) का एकीकरण (Integration)”। यह शोध छत्तीसगढ़ के मौजूदा उच्च शिक्षा बुनियादी ढांचे के भीतर SDG 4 (गुणवत्तापूर्ण शिक्षा) के लक्ष्यों को एकीकृत करने की चुनौतियों और रणनीतियों का गहन विश्लेषण प्रस्तुत करता है। SDG 4 का लक्ष्य सभी के लिए समावेशी और समान गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करना और आजीवन सीखने के अवसरों को बढ़ावा देना है।
श्री शर्मा के काम का निर्देशन डॉ. के. पद्मावती, प्राध्यापक एवं विभागाध्यक्ष, अर्थशास्त्र विभाग, शासकीय विश्वनाथ यादव स्वशासी स्नातकोत्तर महाविद्यालय दुर्ग ने किया था। अंतिम मौखिक परीक्षा (वाइवा वॉयस) 10 अक्टूबर, 2025 को आयोजित की गई थी, जिसमें बाह्य विशेषज्ञ के रूप में डॉ. रक्षा सिंह , प्राध्यापक एवं विभागाध्यक्ष इंदिरा गांधी राष्ट्रीय आदिवासी विश्वविद्यालय, अमरकंटक (म. प्र.) उपस्थित रही , जिन्होंने कार्य की मौलिकता, कार्यप्रणाली और समग्र योगदान का मूल्यांकन किया।
श्री शर्मा के निष्कर्षों से सतत विकास के लिए 2030 एजेंडा की दिशा में राज्य की प्रगति से संबंधित नीतिगत चर्चाओं में महत्वपूर्ण योगदान मिलने की उम्मीद है, जो तृतीयक स्तर पर शैक्षिक सुधार के लिए व्यावहारिक सिफारिशें पेश करते हैं।
आभार और व्यावसायिक भूमिका
श्री शर्मा ने अपनी शैक्षणिक यात्रा के दौरान अपने माता-पिता और परिवार के सदस्यों को उनके अटूट समर्थन के लिए श्रेय दिया। उन्होंने अपनी पत्नी, प्रोफेसर पल्लवी पांडे, को भी विशेष रूप से धन्यवाद दिया।, जिन्होंने न केवल कठिन समय में आवश्यक सहयोग प्रदान किया, बल्कि उनके शोध कार्य में सक्रिय रूप से योगदान भी दिया।
अविचल शर्मा वर्तमान में क्राइस्ट यूनिवर्सिटी पुणे लावास कैंपस के स्कूल ऑफ साइंसेज में सहायक प्रोफेसर के रूप में कार्यरत हैं।