रायपुर, 25 मई 2025
छत्तीसगढ़ सरकार प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (PMSMA) के माध्यम से गर्भवती महिलाओं को गुणवत्तापूर्ण, निःशुल्क एवं सुलभ स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने हेतु सतत प्रयासरत है। मातृत्व सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए राज्य के सभी जिलों में इस अभियान का सफलतापूर्वक संचालन किया जा रहा है।
हर माह 9 और 24 को आयोजित हो रहे विशेष जांच सत्र
राज्य के जिला अस्पतालों, सिविल अस्पतालों, सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में प्रत्येक माह की 9 और 24 तारीख को विशेष मातृ स्वास्थ्य जांच सत्र आयोजित किए जा रहे हैं। इन सत्रों में गर्भवती महिलाओं की संपूर्ण चिकित्सकीय जांच, हाई रिस्क प्रेग्नेंसी (HRP) की पहचान और समुचित परामर्श एवं उपचार की व्यवस्था की जाती है।
अब तक 30 हज़ार से अधिक गर्भवती महिलाओं की जांच
राज्य भर में अब तक 800 से अधिक PMSMA जांच सत्रों का आयोजन किया जा चुका है, जिनमें लगभग 30,000 गर्भवती महिलाओं ने भाग लिया। इनमें से 9000 से अधिक महिलाओं को उच्च जोखिम की श्रेणी में चिन्हित किया गया और उन्हें विशेष चिकित्सकीय देखभाल प्रदान की गई।
राज्य में मातृ मृत्यु दर में आई उल्लेखनीय कमी
इस अभियान के सकारात्मक प्रभाव से छत्तीसगढ़ में मातृ मृत्यु दर (MMR) में महत्वपूर्ण गिरावट आई है। वर्ष 2004-06 में यह दर 335 प्रति एक लाख जीवित जन्म थी, जो अब घटकर 132 पर आ गई है। हालांकि यह राष्ट्रीय औसत 93 से अधिक है, लेकिन इसे नीचे लाने हेतु राज्य सरकार प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है।
उच्च स्तरीय निगरानी व्यवस्था
अभियान की गुणवत्ता सुनिश्चित करने हेतु राज्य स्वास्थ्य सेवाओं के आयुक्त, जिलों के कलेक्टर और मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा नियमित फील्ड निरीक्षण और सत्रों की निगरानी की जा रही है। अब तक 360 से अधिक सत्रों की मॉनिटरिंग वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा की जा चुकी है।
स्वास्थ्य मंत्री की प्रतिक्रिया
स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल ने अभियान की प्रशंसा करते हुए कहा, “हर महिला को सुरक्षित मातृत्व का अधिकार है और PMSMA इस दिशा में एक सशक्त पहल है। हमारी सरकार की यह प्राथमिकता है कि हर महिला को समय पर आवश्यक जांच, उपचार और परामर्श मिले।” उन्होंने यह भी बताया कि इस अभियान से विशेष रूप से ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों की महिलाओं को व्यापक लाभ मिला है।
राज्य सरकार की प्रतिबद्धता
छत्तीसगढ़ सरकार PMSMA अभियान को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से निरंतर प्रयास कर रही है। यदि अभियान का प्रभावी क्रियान्वयन जारी रहा तो राज्य जल्द ही मातृ मृत्यु दर को राष्ट्रीय औसत से भी नीचे लाने में सफल होगा।