कोमाखान थाना क्षेत्र में 9 मई 2025 को ग्राम कसेकेरा टोंगोपानी के जंगल में एक अज्ञात युवक का शव बरामद होने के बाद शुरू हुई जांच में पुलिस ने एक गंभीर अपराध का पर्दाफाश किया है। मृतक की शिनाख्त मानस रंजन त्रिपाठी, पिता मनबोथ त्रिपाठी, निवासी शक्तिनगर, थाना नुआपड़ा (ओडिशा) के रूप में की गई।
जांच में यह सामने आया कि युवक का अपहरण फिरौती के इरादे से किया गया था। बाद में पकड़े जाने के डर से उसकी हत्या कर शव को महासमुंद जिले के जंगल में फेंक दिया गया।
मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक महासमुंद के मार्गदर्शन में एक विशेष टीम गठित की गई। टीम ने तकनीकी साक्ष्य, मोबाइल लोकेशन एवं स्थानीय पूछताछ के आधार पर मामले की गहराई से जांच की और 72 घंटे के भीतर इस जघन्य अपराध में संलिप्त सभी आरोपियों को गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की।
गिरफ्तार आरोपी इस प्रकार हैं:
- परसू डडसेना, पिता बसंत राम, उम्र 20 वर्ष, निवासी ग्राम मौहाभाटा, थाना नुआपाड़ा (ओडिशा)
- गणपत डडसेना, पिता सुरेश डडसेना, उम्र 27 वर्ष, निवासी मौहाभाटा, थाना नुआपाड़ा (ओडिशा)
- सरोजा डडसेना, पिता बीर सिंह डडसेना, उम्र 24 वर्ष, निवासी गारटोर, थाना नुआपाड़ा (ओडिशा)
- एक विधि से संघर्षरत बालक, जिसका विवरण गोपनीय रखा गया है।
घटना का विवरण:
संदेही परसू डडसेना ने पूछताछ में स्वीकार किया कि उसने अपने साथियों – गणपत, सरोजा और एक नाबालिग के साथ मिलकर मानस रंजन त्रिपाठी का अपहरण किया। अपहरण सुखसागर रेस्टोरेंट के पास से किया गया और गणपत के टवेरा वाहन से मानस को कसेकेरा जंगल ले जाया गया। वहां आरोपियों ने मानस की हत्या कर शव को सुनसान इलाके में फेंक दिया।
शव की स्थिति बेहद भयावह थी – मुंह, चेहरा और हाथ प्लास्टिक की सेलोटेप से लिपटे हुए थे। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण दम घुटना पाया गया।
विधिक कार्रवाई:
गिरफ्तार तीनों बालिग आरोपियों को न्यायालय के आदेश पर जेल भेज दिया गया है तथा नाबालिग को किशोर न्याय अधिनियम के तहत न्यायिक अभिरक्षा में रखा गया है।
महासमुंद पुलिस जनता से अपील करती है कि किसी भी आपराधिक गतिविधि की सूचना तुरंत स्थानीय पुलिस को दें, जिससे ऐसे अपराधों की समय रहते रोकथाम की जा सके।