दुर्ग (छत्तीसगढ़): एक चौंकाने वाली घटना में एक युवक ने अपनी कार की नंबर प्लेट पर “डिप्टी कलेक्टर” लिखवाकर न सिर्फ सरकारी अधिकारी होने का दिखावा किया, बल्कि इस पहचान का इस्तेमाल कर अपनी प्रेमिका से ₹1 लाख रुपये वसूलने के इरादे से दुर्ग पहुंचा। यह मामला सामने आते ही स्थानीय प्रशासन और पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया।
सूत्रों के अनुसार, युवक की गाड़ी पर लगे “डिप्टी कलेक्टर” के बोर्ड ने कई लोगों को भ्रमित कर दिया, लेकिन जब उसकी गतिविधियां संदिग्ध लगीं तो इसकी सूचना संबंधित अधिकारियों को दी गई। प्रारंभिक जांच में पता चला कि युवक किसी भी सरकारी पद पर नहीं है और उसने लोगों को गुमराह करने के लिए फर्जी पहचान का सहारा लिया।
यह घटना न केवल फर्जीवाड़े का गंभीर मामला है, बल्कि यह दर्शाती है कि कैसे कुछ लोग सरकारी पदों का झूठा दावा कर आम लोगों को धोखा देने की कोशिश करते हैं।
इस बीच, एक मिलते-जुलते मामले में इंदौर में एक व्यक्ति को “डिप्टी कलेक्टर” बनकर एक बीबीए छात्र से सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर ₹1.1 लाख की ठगी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। आरोपी संकतेत चव्हाण पर पहले भी इस तरह के कई फर्जीवाड़े के आरोप हैं।
पुलिस की अपील:
पुलिस ने जनता से अपील की है कि कोई भी व्यक्ति यदि खुद को सरकारी अधिकारी बताता है, तो उसकी पहचान की उचित तरीके से पुष्टि की जाए। वाहन पर बिना वैध अनुमति के सरकारी पदनाम लिखवाना दंडनीय अपराध है और इसके लिए कानूनी कार्रवाई की जाएगी।



