
बालोद । जिले में मुंहबोली बेटी से दुष्कर्म के आरोप, पुलिस कार्रवाई में देरी और आत्महत्या के मामले ने राजनीतिक रंग ले लिया है। अब खुलासा हुआ है कि मृतक ने जिस युवक पर दुष्कर्म का आरोप लगाया था, उसी युवक ने उससे दो दिन पहले मृतक पर 5 लाख रुपये मांगने और धमकाने की शिकायत दर्ज कराई थी। पुलिस दोनों मामलों की जांच में जुटी है।
दुष्कर्म शिकायत और आत्महत्या मामले में नया मोड़
बालोद। जिले में बीते दो महीनों से सुर्खियों में चल रहे दुष्कर्म शिकायत और उसके बाद हुई आत्महत्या के संवेदनशील मामले में अब नया मोड़ सामने आया है। मृतक नारायण टांडिया (निवासी कान्नेवाड़ा), जिसने अपनी मुंहबोली बेटी से दुष्कर्म के कथित आरोपी की गिरफ्तारी न होने पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी, उसी मामले में कई उलझे हुए तथ्य अब उजागर हो रहे हैं।
आरोप से दो दिन पहले मृतक पर भी दर्ज हुई थी शिकायत
जानकारी के अनुसार, जिस युवक पर मृतक ने 17 अक्टूबर को अपनी मुंहबोली बेटी के साथ दुष्कर्म का आरोप लगाया था, उसी युवक ने दो दिन पहले—15 अक्टूबर को मृतक और दो अन्य लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी।युवक की शिकायत में आरोप लगाया गया था कि मृतक और उसके दो साथी उसके घर में घुसे, गाली-गलौज की और 5 लाख रुपये की मांग की। युवक ने यह भी आरोप लगाया कि पैसे नहीं देने पर उसे फर्जी रेप केस में फंसाने की धमकी दी गई थी। यह शिकायत गोटाटोला थाना में लिखित रूप में ली गई थी।
दुष्कर्म शिकायत के बाद तनाव, फिर आत्महत्या से मामला और गर्माया
मृतक ने 17 अक्टूबर को युवक के खिलाफ अपनी मुंहबोली बेटी से दुष्कर्म की शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद मामले ने गंभीर मोड़ तब लिया जब नारायण टांडिया ने जंगल में पेड़ से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।पुलिस द्वारा पंचनामा और पोस्टमार्टम की कार्रवाई के दौरान मृतक के परिजन और ग्रामीणों में आक्रोश फैल गया। परिजन का आरोप था कि दो महीने बीत जाने के बाद भी आरोपी युवक पर कार्रवाई नहीं की गई, जिससे मृतक मानसिक तनाव में था।
मामले ने लिया राजनीतिक रंग, थाना के सामने प्रदर्शन
घटना के बाद संजारी–बालोद की कांग्रेस विधायक संगीता सिन्हा, उनके पति पूर्व विधायक भैय्या राम सिन्हा और बड़ी संख्या में समर्थक थाने पहुंच गए।उन्होंने मृतक का शव थाना के सामने रखकर जोरदार प्रदर्शन किया और आरोप लगाया कि पुलिस ने शिकायत के बावजूद आरोपी की गिरफ्तारी में कोई तत्परता नहीं दिखाई। उन्होंने इसे गंभीर पुलिस लापरवाही बताते हुए मृतक के परिवार के लिए न्याय की मांग की।
एसपी का बयान—“कार्रवाई न करने के आरोप बेबुनियाद”
बालोद के पुलिस अधीक्षक योगेश पटेल ने राजनीति से प्रेरित सभी आरोपों को खारिज किया है। उनका कहना है—“जिस दिन शिकायत दर्ज हुई, उसी दिन से आरोपी की तलाश शुरू कर दी गई थी। कार्रवाई न करने का आरोप पूरी तरह बेबुनियाद है। आरोपी युवक की लोकेशन की खोज लगातार की जा रही है। जैसे ही कोई सुराग मिलेगा, उसे गिरफ्तार किया जाएगा।”उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि युवक द्वारा मृतक के खिलाफ की गई शिकायत गोटाटोला थाने में दर्ज है और वहां की पुलिस उस मामले की अलग से जांच कर रही है।

