CGPSC घोटाला मामले में CBI की बड़ी कार्रवाई, पूर्व परीक्षा नियंत्रक आरती वासनिक सहित पाँच गिरफ्तार

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छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC) घोटाला मामले में सीबीआई ने बड़ी कार्रवाई की है। पूर्व परीक्षा नियंत्रक आरती वासनिक, पीएससी के पूर्व सचिव के बेटे सुमित ध्रुव सहित पाँच आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। सभी आरोपियों को सीबीआई कोर्ट में पेश किया गया।

रायपुर 19 सितंबर 2025। छत्तीसगढ़ में चर्चित CGPSC घोटाला मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने बड़ी कार्यवाई की है। शुक्रवार को सीबीआई ने छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC) के पूर्व परीक्षा नियंत्रक आरती वासनिक को गिरफ्तार कर लिया। उनके साथ चार और आरोपियों को भी हिरासत में लिया गया है। गिरफ्तार किए गए आरोपियों में डिप्टी कलेक्टर पद पर चयनित और पीएससी के पूर्व सचिव के बेटे सुमित ध्रुव, निशा कोसले, दीपा आदिल और जीवन किशोर ध्रुव के नाम शामिल हैं।

सूत्रों के अनुसार, सीबीआई को लंबे समय से इस घोटाले में कई गड़बड़ियों के सबूत मिल रहे थे। आरती वासनिक पर आरोप है कि उन्होंने परीक्षा प्रक्रिया के दौरान अनियमितताएं कीं और कुछ उम्मीदवारों को अनुचित लाभ पहुंचाया। वहीं सुमित ध्रुव के खिलाफ आरोप है कि उन्होंने चयन प्रक्रिया में अपनी स्थिति का अनुचित फायदा उठाया। इस कार्रवाई के बाद प्रदेश में प्रशासनिक हलकों में हलचल मच गई है।

गिरफ्तारी के बाद सभी आरोपियों को रायपुर स्थित सीबीआई की विशेष अदालत में पेश किया गया। जहां से उन्हें रिमांड पर भेजा गया है। सीबीआई का कहना है कि मामले की आगे की जांच जारी है और जल्द ही और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं।

उल्लेखनीय है कि बीते महीने छत्तीसगढ़ लोक सेवा परीक्षा-2021 (CGPSC) में चयनित निर्दोष अभ्यर्थियों को बिलासपुर हाईकोर्ट ने राहत दी थी। हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने अपने फैसले में स्पष्ट कहा था कि जिन उम्मीदवारों के नाम चार्जशीट में शामिल नहीं हैं और जिन पर सीबीआई की जांच में कोई आपत्ति नहीं आई है, उन्हें नियुक्ति पत्र सौंपे जाएं। कोर्ट ने यह भी निर्देश दिए थे कि इन नियुक्तियों को 10 मई 2024 तक पूरी कर लिया जाए।

विशेषज्ञों का मानना है कि इस कार्रवाई से उन अभ्यर्थियों को राहत मिलेगी जो अब तक नियुक्ति के इंतजार में थे। साथ ही, यह संदेश भी जाएगा कि चयन प्रक्रिया में गड़बड़ी करने वालों पर सख्त कार्रवाई होगी।

CGPSC घोटाला राज्य में लंबे समय से चर्चा का विषय रहा है। इस घोटाले से प्रशासनिक पारदर्शिता पर सवाल उठे थे और कई अभ्यर्थियों का भविष्य अधर में लटक गया था। अब सीबीआई की ताजा कार्रवाई से उम्मीद जगी है कि इस मामले में जल्द निष्कर्ष निकलेगा और निर्दोष अभ्यर्थियों को न्याय मिलेगा।

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