
सेक्रेटरी जनरल के लिखे लेटर में और क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन ने प्रस्ताव पारित कर सुप्रीम कोर्ट परिसर में वीडियो और रील बनाने वालों पर सख्त कार्रवाई की सिफारिश की। अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए SCBA ने पुलिसकर्मियों की तैनाती की भी सिफारिश की है। पूरे कोर्ट परिसर में प्रमुख स्थानों पर साइनबोर्ड लगाने का सुझाव दिया गया है।
सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) ने प्रस्ताव पारित कर सुप्रीम कोर्ट परिसर में वकीलों द्वारा वीडियो बनाने (रील) और अन्य सोशल मीडिया गतिविधियों पर कड़ी कार्रवाई की सिफारिश की है। SCBA ने सुप्रीम कोर्ट के सेक्रेटरी जनरल को लिखे लेटर में कहा है कि वकीलों द्वारा बिना नियंत्रण के की जा रही वीडियोग्राफी और सोशल मीडिया गतिविधियाँ न केवल संस्था की गरिमा को आहत करती हैं, बल्कि अप्रत्यक्ष सॉलिसिटेशन (मुवक्किलों को लुभाना) और विज्ञापन के समान हैं। यह आचार संहिता के तहत प्रतिबंधित हैं।
सेल्फी लेने या रील बनाने से प्रतिबंधित किया जाए
एसोसिएशन ने स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी करने का प्रस्ताव दिया है, जिनमें वकीलों को कोर्टरूम, गलियारों, लॉबी और अन्य उच्च सुरक्षा क्षेत्रों में बिना अनुमति फिल्मिंग, रिकॉर्डिंग, सेल्फी लेने या रील बनाने से प्रतिबंधित किया जाए। इसके साथ ही, पूरे कोर्ट परिसर में प्रमुख स्थानों पर साइनबोर्ड लगाने का सुझाव दिया गया है, ताकि इस रोक को मजबूती मिले।
पुलिसकर्मियों की तैनाती की भी सिफारिश की
अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए SCBA ने पुलिसकर्मियों की तैनाती की भी सिफारिश की है। साथ ही अनुशासनात्मक ढाँचा प्रस्तावित किया गया है जिसमें चेतावनी पत्र, SCBA की सदस्यता का निलंबन और बार-बार उल्लंघन करने वालों के मामलों को संबंधित राज्य बार काउंसिल्स तक भेजने की बात शामिल है।
CJI को पत्र लिखकर ऐसी ही चिंताएँ जताई थीं
SCBA की कार्यकारी समिति ने इस प्रथा की निंदा करते हुए कहा कि इस तरह के उपाय अदालत की गरिमा और शालीनता बनाए रखने के लिए अत्यंत आवश्यक हैं। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट्स-ऑन-रिकॉर्ड एसोसिएशन ने भी CJI को पत्र लिखकर ऐसी ही चिंताएँ जताई थीं।