
रिसाली। छत्तीसगढ़ स्थापना की रजत जयंती वर्ष की गौरवशाली बेला में शासकीय नवीन महाविद्यालय, रिसाली में दिनांक 10 सितंबर 2025 को एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। यह संगोष्ठी “छत्तीसगढ़ की 25 वर्षों की विकास यात्रा : छत्तीसगढ़ @ 50 एवं विकसित छत्तीसगढ़ @ 2047” विषय पर आयोजित हुई। कार्यक्रम का आयोजन महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. अनुपमा अस्थाना के मार्गदर्शन एवं डॉ. नागरत्ना गनवीर के संयोजन में हुआ।
कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन एवं मां शारदा और छत्तीसगढ़ महतारी की प्रतिमा के समक्ष पुष्प अर्पित कर की गई। तत्पश्चात प्राचार्य डॉ. अनुपमा अस्थाना ने अपने उद्बोधन के माध्यम से विद्यार्थियों का उत्साहवर्धन किया।
संगोष्ठी में मुख्य वक्ता डॉ. जयप्रकाश साव, भूतपूर्व सहायक प्राध्यापक (हिंदी), शासकीय वि.या. तामस्कर स्नातकोत्तर महाविद्यालय, दुर्ग रहे। उन्होंने सतत विकास की अवधारणा पर जोर देते हुए कहा कि औद्योगिकीकरण की आंधी में हमें अपनी संस्कृति, जैव-विविधता एवं पर्यावरण को सुरक्षित रखना होगा।
विशिष्ट वक्ता डॉ. के. पद्मावती, प्राध्यापक (अर्थशास्त्र), शासकीय वि.या. तामस्कर स्नातकोत्तर महाविद्यालय, दुर्ग ने छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था, सकल घरेलू उत्पाद, शिक्षा, मुद्रास्फीति, राजकोषीय घाटा, रोजगार, नक्सलवाद एवं महिलाओं की स्थिति पर विस्तृत व्याख्यान प्रस्तुत किया।
इसी क्रम में विशिष्ट वक्ता डॉ. ज्योति धारकर, सहायक प्राध्यापक (इतिहास), शासकीय वि.या. तामस्कर महाविद्यालय, दुर्ग ने छत्तीसगढ़ के इतिहास तथा राज्य गठन से लेकर वर्तमान तक की विकास यात्रा का तुलनात्मक विश्लेषण प्रस्तुत किया।
कार्यक्रम का संचालन डॉ. नागरत्ना गनवीर ने किया तथा आभार प्रदर्शन डॉ. पूजा पाण्डेय ने व्यक्त किया। इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राध्यापकगण – प्रो. निवेदिता मुखर्जी, प्रो. नूतन देवांगन, प्रो. शंभू प्रसाद, प्रो. विनीता, प्रो. रितु श्रीवास्तव, प्रो. सतीश गोटा, प्रो. वेद प्रकाश सिंह, प्रो. रौशन सहित अन्य प्राध्यापक, कर्मचारी एवं बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।