छत्तीसगढ़ के सारंगढ़ में स्थित धाराशिव स्कूल से हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां बच्चों के सामने ही दो शिक्षकों के बीच गाली-गलौज और मारपीट हो गई। इस घटना का सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है, जो अब सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना हुआ है। विवाद पढ़ाने की जिम्मेदारी को लेकर हुआ बताया जा रहा है। फिलहाल, शिक्षा विभाग ने मामले की जांच शुरू कर दी है और रिपोर्ट आने के बाद दोषी शिक्षकों पर कार्रवाई का आश्वासन दिया गया है।

सारंगढ़-बिलाईगढ़ 10 सितंबर 2025। कक्षा में उस वक्त छात्र-छात्राओं में भगदड़ मच गयी, जब क्लास रूम में शिक्षकों में उठा पटक शुरू हो गयी। ना शिक्षक धर्म का अहसास था और ना ही छात्राओं के सामने अपशब्द बोलने पर कोई गुरेज। शिक्षकों ने जब मर्यादा भूली, तो छात्राएं रोते-चीखते चिल्लाते कक्षा से बाहर भागी। पूरी घटना CCTV में कैद हो गयी। पूरा मामला सारंगढ़ बिलाईगढ़ जिले के धाराशिव स्कूल का है, जहां बच्चों की कक्षा के दौरान शिक्षक मनोज कश्यप और विनीत दुबे आपस में भिड़ गए।
सीसीटीवी फुटेज से हुआ खुलासा
बताया जा रहा है कि दोनों के बीच यह विवाद बच्चों को पढ़ाने को लेकर शुरू हुआ। मामूली बहस देखते ही देखते गाली-गलौज और फिर मारपीट में बदल गई। घटना के समय कक्षा में मौजूद बच्चे सहम गए और डर के माहौल में बैठकर यह नजारा देखते रहे। स्कूल परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरे में इस पूरे घटनाक्रम की रिकॉर्डिंग हो गई है। फुटेज में साफ दिखाई दे रहा है कि दोनों शिक्षक आपस में झगड़ते हुए हाथापाई करने लगते हैं।फिर बच्चों के बेंच पर ही दोनों में उठापटक शुरू हो जाती है। इस दौरान दोनों एक दूसरे को जमकर गालियां भी दे रहे थे।
शिक्षा विभाग ने लिया संज्ञान
बच्चों को पढ़ाने और अनुशासन का उदाहरण देने वाले शिक्षक ही जब इस तरह का व्यवहार करते हैं, तो छात्रों पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ना स्वाभाविक है।स्थानीय लोगों और अभिभावकों ने इस घटना पर नाराजगी जताई है। उनका कहना है कि शिक्षकों का ऐसा बर्ताव बच्चों के भविष्य के लिए बेहद हानिकारक है। इधर, घटना की जानकारी मिलते ही ब्लॉक शिक्षा अधिकारी (BEO) सत्यनारायण साहू ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि प्रारंभिक जानकारी में विवाद पढ़ाने की जिम्मेदारी को लेकर हुआ है, लेकिन विस्तृत जांच के बाद ही सच्चाई सामने आएगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि दोषी पाए जाने वाले शिक्षकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
अभिभावकों और समाज में आक्रोश
स्कूल के इस घटनाक्रम ने न केवल बच्चों बल्कि उनके अभिभावकों को भी चिंता में डाल दिया है। लोगों का कहना है कि शिक्षक समाज के लिए आदर्श माने जाते हैं और बच्चों को संस्कार देने की जिम्मेदारी उन्हीं की होती है। ऐसे में उनकी लड़ाई-झगड़े की घटनाएं पूरे शैक्षणिक माहौल को खराब कर देती हैं।