अंतरराष्ट्रीय मंच पर छाया बस्तर का धूड़मारास गाँव, एडवेंचर टूरिज़्म कैटेगरी में सर्वश्रेष्ठ गाँव के रूप में सम्मानित….

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बस्तर : छत्तीसगढ़ का बस्तर क्षेत्र अपनी अद्भुत प्राकृतिक सुंदरता, समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और अनूठी परंपराओं के लिए जाना जाता है। इन्हीं खूबसूरत जगहों के बीच स्थित है धुदमरास गाँव (Dhudmaras Village), जो आज न केवल भारत में बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी पहचान बना चुका है। यह गाँव कांगेर घाटी नेशनल पार्क की गोद में बसा हुआ है और धीरे-धीरे इसे एक सस्टेनेबल टूरिज़्म हब (Sustainable Tourism Hub) के रूप में विकसित किया जा रहा है।

वैश्विक पहचान और सम्मान

धुदमरास गाँव Dhudmaras Village ने हाल ही में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई है। इसे संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन (UNWTO) द्वारा Best Tourism Village Upgrade Programme के लिए चुना गया। यह उपलब्धि बहुत बड़ी है क्योंकि 60 देशों से 260 से अधिक गाँवों ने इसमें हिस्सा लिया था। इससे पहले भी भारत के पर्यटन मंत्रालय ने धूड़मारास को एडवेंचर टूरिज़्म कैटेगरी में सर्वश्रेष्ठ गाँव के रूप में सम्मानित किया था। इन पुरस्कारों ने धूड़मारास को एक उभरते हुए पर्यटन स्थल के रूप में दुनिया के नक्शे पर जगह दिलाई है।

इको-पर्यटन और प्राकृतिक सुंदरता

घने जंगलों और शांत कांगेर नदी से घिरा यह गाँव प्रकृति प्रेमियों के लिए किसी स्वर्ग से कम नहीं। यहाँ आने वाले पर्यटक न केवल हरियाली और स्वच्छ वातावरण का अनुभव करते हैं, बल्कि उन्हें स्थानीय आदिवासी जीवन शैली को भी करीब से देखने का अवसर मिलता है। धूड़मारास में इको-टूरिज़्म को बढ़ावा देते हुए होमस्टे, जंगल सफारी, बर्डवॉचिंग और कैम्पिंग जैसी गतिविधियों को शामिल किया गया है। यह गाँव अपने आप में एक जीवंत उदाहरण है कि कैसे प्रकृति और संस्कृति मिलकर पर्यटन को नया आयाम दे सकते हैं।

साहसिक पर्यटन का अनुभव

धुदमरास गाँव की खासियत इसका एडवेंचर टूरिज़्म है। यहाँ आने वाले सैलानियों के लिए बाँस की नाव से राफ्टिंग, कयाकिंग और ट्रैकिंग जैसी गतिविधियाँ उपलब्ध हैं। इन सेवाओं को स्थानीय धुरवा आदिवासी समुदाय के युवा संचालित करते हैं। इससे न केवल उन्हें रोजगार मिला है बल्कि गाँव की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिली है। पर्यटन से होने वाली आय को गाँव में ही निवेश किया जाता है, जिससे शौचालय, विश्राम स्थल और अन्य सुविधाएँ विकसित की गई हैं।

स्थायित्व और सौर ऊर्जा

धूड़मारास की एक और खासियत है इसका सस्टेनेबल डेवलपमेंट मॉडल। छत्तीसगढ़ नवीकरणीय ऊर्जा विकास एजेंसी (CREDA) ने यहाँ सौर ऊर्जा के माध्यम से गाँव की तस्वीर ही बदल दी है।

तीन सोलर ड्यूल पंप लगाए गए हैं, जिनसे स्वच्छ पेयजल उपलब्ध हो रहा है।

सोलर स्ट्रीट लाइट्स और हाई-मास्ट लाइट्स ने गाँव की गलियों को रोशन कर दिया है।

प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों में अब सौर ऊर्जा से बिजली उपलब्ध है, जिससे बच्चों की पढ़ाई में भी सहूलियत हो रही है।

इस तरह धूड़मारास गाँव सिर्फ पर्यटन स्थल ही नहीं, बल्कि ग्रामीण विकास और स्थायित्व का आदर्श मॉडल बन चुका है।

पर्यटन ने धूड़मारास गाँव की तस्वीर बदल दी है। जहाँ पहले गाँव के लोग केवल पारंपरिक कृषि और वनोपज पर निर्भर थे, वहीं अब उन्हें पर्यटन से नई आजीविका के साधन मिल रहे हैं। होमस्टे, हस्तशिल्प, स्थानीय व्यंजन और एडवेंचर गतिविधियों से होने वाली आय सीधे गाँव वालों तक पहुँच रही है। इससे न केवल उनकी आर्थिक स्थिति बेहतर हुई है बल्कि पारंपरिक संस्कृति और परंपराओं को भी संजोकर रखने में मदद मिल रही है।

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