शिक्षिका नम्रता गुप्ता के खिलाफ FIR दर्ज, नौकरी से बर्खास्त, छात्रा को पीटने का मामला

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अंबिकापुर, 7 सितंबर 2025: छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर जिले के सीतापुर क्षेत्र में स्थित डीएवी पब्लिक स्कूल में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। स्कूल की शिक्षिका नम्रता गुप्ता पर कक्षा 2 की एक छात्रा को बेरहमी से पीटने और उसे शारीरिक व मानसिक यातना देने का आरोप लगा है। इस घटना के बाद सीतापुर पुलिस ने शिक्षिका के खिलाफ FIR दर्ज की है, और स्कूल प्रबंधन ने नम्रता गुप्ता को तत्काल प्रभाव से नौकरी से बर्खास्त कर दिया है।


घटना का विवरण

सीतापुर के प्रतापगढ़ स्थित डीएवी पब्लिक स्कूल में यह घटना उस समय घटी जब कक्षा 2 की छात्रा समृद्धि गुप्ता ने टॉयलेट जाने की अनुमति मांगी। पुलिस के अनुसार, शिक्षिका नम्रता गुप्ता इस बात से नाराज हो गईं और उन्होंने छात्रा को डंडे से पीटना शुरू कर दिया। इतना ही नहीं, नम्रता ने समृद्धि को 100 से ज्यादा बार उठक-बैठक करने की सजा दी। इस अमानवीय व्यवहार के कारण बच्ची की हालत गंभीर हो गई, और उसे तत्काल अंबिकापुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया।

सीतापुर के एसडीओपी राजेंद्र मंडावी ने मामले की पुष्टि करते हुए बताया कि शिक्षिका के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना) और किशोर न्याय (बाल देखभाल और संरक्षण) अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने इस मामले में जांच शुरू कर दी है और जल्द ही शिक्षिका से पूछताछ की जाएगी।

छात्रा की हालत

अस्पताल में भर्ती समृद्धि गुप्ता की हालत गंभीर लेकिन स्थिर बताई जा रही है। चिकित्सकों के अनुसार, बच्ची को शारीरिक चोटों के साथ-साथ मानसिक आघात भी पहुंचा है। समृद्धि के परिजनों ने बताया कि बच्ची इस घटना के बाद से डरी हुई है और उसे सामान्य स्थिति में आने में समय लग सकता है। परिजनों ने स्कूल प्रशासन और शिक्षिका के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

स्कूल प्रशासन का रुख

डीएवी पब्लिक स्कूल के प्रबंधन ने इस घटना को अत्यंत गंभीरता से लिया है। स्कूल के प्राचार्य ने एक बयान जारी कर कहा कि शिक्षिका नम्रता गुप्ता को तत्काल प्रभाव से नौकरी से हटा दिया गया है। साथ ही, स्कूल ने इस मामले में आंतरिक जांच शुरू करने की बात कही है। प्राचार्य ने यह भी आश्वासन दिया कि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए शिक्षकों के लिए विशेष प्रशिक्षण और जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।


सामाजिक और प्रशासनिक प्रतिक्रिया

इस घटना ने स्थानीय समुदाय में आक्रोश पैदा कर दिया है। अभिभावकों और स्थानीय लोगों ने स्कूल के बाहर प्रदर्शन किया और शिक्षिका के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की। कई अभिभावकों ने स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा और शिक्षकों के व्यवहार पर सवाल उठाए हैं।

कानूनी और सामाजिक परिप्रेक्ष्य

यह घटना बच्चों के साथ स्कूलों में होने वाले दुर्व्यवहार के बढ़ते मामलों को रेखांकित करती है। विशेषज्ञों का कहना है कि शिक्षकों को बच्चों के प्रति संवेदनशील और जिम्मेदार व्यवहार अपनाने की जरूरत है। बच्चों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभाव को देखते हुए, स्कूलों में शिक्षक प्रशिक्षण और निगरानी तंत्र को और मजबूत करने की आवश्यकता है।

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