
रायपुर, 13 अगस्त 2025 — देशभर के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में डॉक्टरों की कमी गंभीर समस्या बनती जा रही है। संसद में पेश आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2022 से 2024 के बीच 20 AIIMS से कुल 429 डॉक्टरों ने इस्तीफा दिया। इनमें सबसे अधिक 52 इस्तीफे दिल्ली AIIMS से हुए, इसके बाद ऋषिकेश से 38 और रायपुर से 35 डॉक्टरों ने नौकरी छोड़ी।
इस्तीफे की मुख्य वजह डॉक्टरों को निजी क्षेत्र की तुलना में चार से दस गुना कम वेतन और सीमित सुविधाएं बताया जा रहा है। रायपुर एम्स सहित कई संस्थानों में पद खाली हैं। आंकड़ों के मुताबिक, 20 AIIMS में हर तीन में से एक फैकल्टी पद रिक्त है। दिल्ली AIIMS में 1,306 स्वीकृत पदों में से 462 (35%) खाली हैं, भोपाल में 23% और भुवनेश्वर में 31% पद रिक्त हैं।
कई संस्थानों में आवास, सुरक्षा और कनेक्टिविटी जैसी बुनियादी समस्याएं भी डॉक्टरों को परेशान कर रही हैं। उदाहरण के लिए रायबरेली AIIMS में पर्याप्त आवास की कमी, कम HRA और विवादित जमीन के कारण कैंपस की सुरक्षा दीवार न बन पाना प्रमुख कारण हैं।
सरकार ने सेवानिवृत्त फैकल्टी को संविदा पर रखने और विजिटिंग फैकल्टी की योजना लागू की है, लेकिन डॉक्टरों का कहना है कि यह स्थायी समाधान नहीं है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि बेहतर वेतन, सुविधाएं और कार्य परिवेश सुनिश्चित किए बिना इस समस्या का समाधान संभव नहीं होगा।