
बिलासपुर 2 अगस्त 2025। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित कथित मानव तस्करी मामले में गिरफ्तार दो नन प्रीति मैरी और वंदना फ्रांसिस, तथा उनके सहयोगी सुखमन मंडावी को बिलासपुर विशेष एनआईए न्यायालय से बड़ी राहत मिली है। न्यायाधीश सिराजुद्दीन कुरैशी ने तीनों आरोपियों को सशर्त जमानत दे दी है।
ये तीनों 25 जुलाई से न्यायिक हिरासत में थे। इनके खिलाफ BNS की धारा 143 (गैरकानूनी सभा) और छत्तीसगढ़ धर्म स्वातंत्र्य अधिनियम, 2023 की धारा 4 (धर्मांतरण का आरोप) के तहत मामला दर्ज किया गया था।
कोर्ट ने FIR को बताया संदेह के आधार पर दर्ज
अदालत ने अपने फैसले में कहा कि FIR मुख्यतः संदेह पर आधारित है, और ऐसा कोई ठोस प्रमाण प्रस्तुत नहीं किया गया जिससे यह साबित हो सके कि आरोपियों ने कोई संगठित आपराधिक कृत्य किया है। सभी कथित पीड़िताएं बालिग हैं, और तीनों आरोपियों का कोई पूर्व आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट के सिद्धांतों का हवाला
जमानत देते हुए कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के उस सिद्धांत का हवाला दिया जिसमें कहा गया है कि “जमानत एक सामान्य नियम है, और जेल अपवाद”। इसी आधार पर अदालत ने ₹50,000 के निजी मुचलके और दो स्थानीय जमानतदारों की शर्त पर आरोपियों को रिहा करने का आदेश दिया।
इन शर्तों का करना होगा पालन
- आरोपी विदेश यात्रा नहीं कर सकेंगे
- अपने-अपने पासपोर्ट कोर्ट में जमा करने होंगे
- हर 15 दिन में नजदीकी थाने में रिपोर्ट करना अनिवार्य
- मीडिया में कोई भी सार्वजनिक बयान नहीं देंगे