
रायपुर, 27 जुलाई 2025।छत्तीसगढ़ में आयोजित आबकारी आरक्षक भर्ती परीक्षा एक बार फिर व्यापम की लापरवाही के कारण विवादों में आ गई है। राज्य के कई जिलों—धमतरी, जांजगीर-चांपा और सूरजपुर से बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों ने शिकायत की है कि उन्हें समय पर पहुंचने के बावजूद परीक्षा देने नहीं दिया गया।
धमतरी में कई छात्रों ने बताया कि उन्होंने 21 जुलाई को व्यापम की वेबसाइट से एडमिट कार्ड डाउनलोड किया था, जिसमें परीक्षा केंद्र में प्रवेश का अंतिम समय सुबह 10:45 बजे दर्ज था। लेकिन परीक्षा वाले दिन उन्हें यह कहकर रोक दिया गया कि केंद्र का गेट 10:30 बजे ही बंद कर दिया गया है। जब अभ्यर्थियों ने पुराने प्रवेश पत्र दिखाए, तब भी उन्हें अंदर नहीं जाने दिया गया।
व्यापम की ओर से प्रवेश समय में बदलाव की कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई, लेकिन 26 और 27 जुलाई को डाउनलोड किए गए नए एडमिट कार्ड में प्रवेश का समय 10:30 बजे तक लिखा हुआ था। इस बदलाव से अनजान रहे कई अभ्यर्थी केंद्रों के बाहर रोते-बिलखते नजर आए। उनका कहना था कि कड़ी मेहनत से की गई तैयारी और सालों का सपना एक गलती की भेंट चढ़ गया।
जांजगीर-चांपा से भी ऐसी ही शिकायतें आईं। डेल्ही पब्लिक स्कूल परीक्षा केंद्र में कई छात्रों को एडमिट कार्ड और आधार कार्ड साथ लाने के बावजूद परीक्षा में बैठने नहीं दिया गया। कुछ छात्र तो इसलिए वंचित रह गए क्योंकि उनके एडमिट कार्ड में पिता की जाति नहीं छपी थी। इससे नाराज अभ्यर्थियों ने केंद्र के बाहर प्रदर्शन किया।
सूरजपुर में मामला और गंभीर हो गया, जब अग्रसेन चौक स्थित कन्या हाई स्कूल परीक्षा केंद्र में धार्मिक भावनाएं आहत करने का आरोप लगा। हिंदू संगठनों ने आरोप लगाया कि केंद्राध्यक्ष ने कुछ छात्रों के हाथ से कलावा उतरवाकर जूतों में फेंक दिया। इससे नाराज छात्रों और संगठन के कार्यकर्ताओं ने हंगामा किया। मौके पर पहुंची कोतवाली पुलिस ने लोगों को समझाकर मामला शांत कराया।
इन घटनाओं ने व्यापम की कार्यप्रणाली और परीक्षा प्रबंधन पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। अभ्यर्थी मांग कर रहे हैं कि इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच हो और जिन उम्मीदवारों को अनावश्यक रूप से परीक्षा से वंचित किया गया, उन्हें दोबारा अवसर दिया जाए।