
दुर्ग। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) दुर्ग द्वारा “आपातकाल की विभीषिका के 50 वर्ष” विषय पर एक संगोष्ठी का आयोजन बीआईटी महाविद्यालय, दुर्ग के सभागार में संपन्न हुआ। 1975 में लगे आपातकाल के काले अध्याय से समाज को अवगत कराना और लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति जागरूक करना था।
संगोष्ठी प्रारंभ होने के पूर्व आपातकाल के विषय पर बने चलचित्र को दिखाया गया, इसके पश्चात मां सरस्वती एवं स्वामी विवेकानन्द जी के छायाचित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की गई।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता श्री चेतस सुखड़िया जी, क्षेत्रीय संगठन मंत्री (मध्य क्षेत्र), अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने कहा कि आपातकाल भारत के लोकतंत्र पर सबसे बड़ा हमला था।

आपातकाल के दौरान, इंदिरा गांधी की कांग्रेस सरकार ने भारतीय संविधान में कई संशोधन किए, इन संशोधनों ने न्यायिक समीक्षा, मौलिक अधिकारों और विधायी शक्तियों को प्रभावित किया।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ औंर अखिल भारतीय विद्याथी परिषद ने आगे बढ़कर शासकीय अत्याचारों को सहा परन्तु किसी भी दबाब के चलते इमरजेंसी-विरोधी आंदोलन की गति और दिशा को बिगड़ने नही दिया।
प्रेस की स्वतंत्रता, अभिव्यक्ति का अधिकार और नागरिक स्वतंत्रताओं को जिस प्रकार दबाया गया, वह इतिहास का कड़वा सच है। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे लोकतंत्र की रक्षा के लिए सदैव सजग रहें।

विशिष्ट अतिथि श्री बिसरा राम यादव, पूर्व प्रांत संघचालक, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, छत्तीसगढ़ प्रांत ने आपातकाल के दौरान संघ और अन्य राष्ट्रवादी संगठनों द्वारा दिए गए बलिदानों की चर्चा करते हुए कहा कि यह समय युवाओं के लिए सीखने और सजग रहने का है।

विशेष आकर्षण के रूप में “आपातकाल की विभीषिका” पर आधारित एक प्रदर्शनी भी लगाई गई, जिसमें उस समय के अखबारों की कतरनों, गिरफ्तारियों, प्रतिबंधित अभिव्यक्तियों और विरोध आंदोलनों से संबंधित छायाचित्र और जानकारी प्रदर्शित की गई। यह प्रदर्शनी विद्यार्थियों और आमजनों के लिए अत्यंत ज्ञानवर्धक और प्रेरणास्पद रही।
इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से प्रांत संगठन मंत्री महेश साकेत जी, विभाग छात्रा प्रमुख भूमि राजपूत, नगर अध्यक्ष अमृतेश शुक्ला, नगर सहमंत्री गजानंद साहू एवं विभाग संयोजक कुणाल राजपूत जिला संयोजक प्रवीण यादव रहे। इस अवसर पर आपातकाल के समय रहे मीसाबंदी, संघ परिवार के विविध संगठनों के कार्यकर्ता, नगर के जनप्रतिनिधी अभाविप के कार्यकर्ता, सैकड़ों की संख्या में छात्र – छात्राएं उपस्थित रहे।
