रायपुर। राजधानी रायपुर की केंद्रीय जेल एक बार फिर गैंगवार और हिंसक घटनाओं के कारण सुर्खियों में है। गुरुवार को जेल के भीतर बंद यूथ कांग्रेस नेता आशीष शिंदे पर दो कैदियों ने मिलकर जानलेवा हमला कर दिया। इस हमले में शिंदे के साथ एक अन्य कैदी भी गंभीर रूप से घायल हुआ है। दोनों को तत्काल उपचार के लिए अंबेडकर अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी हालत नाजुक बनी हुई है।
सूत्रों के अनुसार, हमलावरों ने धारदार हथियार से हमला किया और शिंदे के सिर व पीठ को निशाना बनाया। प्रारंभिक जांच में माना जा रहा है कि यह हमला जेल में चल रही गुटबाजी और राजनीतिक रंजिश का परिणाम हो सकता है। हमलावरों की पहचान कर ली गई है, लेकिन जांच पूरी होने तक उनके नाम सार्वजनिक नहीं किए गए हैं।
गिरोहों के बीच वर्चस्व की जंग
जेल के भीतर बीते कुछ समय से प्रतिद्वंद्वी गुटों के बीच वर्चस्व की लड़ाई तेज हो गई है। बुधवार को भी एक जेल प्रहरी के साथ मारपीट की घटना सामने आई थी। दो दिनों में दो गंभीर घटनाओं ने जेल में तनावपूर्ण स्थिति को उजागर कर दिया है। जेल प्रशासन ने इस मामले में आंतरिक जांच शुरू कर दी है और सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए अतिरिक्त सुरक्षाकर्मियों की तैनाती के निर्देश दिए गए हैं।
राजनीतिक रंजिश का कोण
हमले की पृष्ठभूमि में राजनीतिक दुश्मनी की बात सामने आ रही है। आशीष शिंदे पर यह हमला कथित तौर पर कांग्रेस के अंदरूनी गुटबाजी से जुड़ा हो सकता है। शिंदे पूर्व में फरार रहे कांग्रेस नेता केके श्रीवास्तव की मदद करने के आरोप में जेल में बंद हैं। श्रीवास्तव को पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का करीबी माना जाता है। सूत्रों का कहना है कि इस हमले में एक अन्य वरिष्ठ कांग्रेस नेता, जो धोखाधड़ी के मामले में जेल की सजा काट चुके हैं, का नाम भी चर्चा में है। हालांकि, पुलिस ने इस संबंध में कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है, लेकिन जांच की दिशा राजनीतिक गुटबाजी की ओर इशारा कर रही है।
कांग्रेस के अंदर खींचतान उजागर
इस घटनाक्रम ने एक बार फिर कांग्रेस पार्टी के अंदर चल रही आपसी खींचतान और गुटीय संघर्ष को सामने ला दिया है। केके श्रीवास्तव और आशीष शिंदे से जुड़ा यह मामला पार्टी के आंतरिक विवादों को और गहरा सकता है।

जेल प्रशासन की साख पर सवाल
रायपुर की केंद्रीय जेल, जिसे राज्य की सबसे सुरक्षित जेल माना जाता है, में धारदार हथियारों का पहुंचना और कैदियों के बीच हिंसक झड़पें होना जेल प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाता है। सूत्रों का कहना है कि जेल में आपराधिक गैंगों का दबदबा बढ़ गया है, और आए दिन होने वाली झड़पें अब हिंसक रूप ले रही हैं।
जांच में जुटा प्रशासन
पुलिस और जेल प्रशासन पूरे मामले की गहन जांच में जुटा है। हमलावरों की पहचान की प्रक्रिया जारी है, और जेल की सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा शुरू कर दी गई है। जेल में हथियारों के प्रवेश और गैंगवार की घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाने की बात कही जा रही है।
इस घटना ने न केवल जेल की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं, बल्कि राजनीतिक हलकों में भी हलचल मचा दी है। जांच के नतीजों का इंतजार अब सभी को है।


