छुईखदान क्षेत्र के ग्राम चकनार में प्रशासन की सजगता से बचा नाबालिग बालिका का भविष्य

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छुईखदान क्षेत्र के ग्राम चकनार में प्रशासन की सजगता से बचा नाबालिग बालिका का भविष्य

छुईखदान। कलेक्टर इंद्रजीत सिंह चन्द्रवाल के निर्देशन और एसडीएम छुईखदान के मार्गदर्शन में बाल विवाह रोकथाम टास्क फोर्स ने एक बड़ी सफलता दर्ज करते हुए ग्राम चकनार में नाबालिग बालिका का विवाह रुकवाया। महिला एवं बाल विकास विभाग और पुलिस विभाग की संयुक्त टीम की तत्परता से एक मासूम बच्ची का भविष्य अंधकारमय होने से बच गया।

गंडई थाने में प्राप्त शिकायत के आधार पर मामले की जांच कराई गई। परियोजना अधिकारी सुनील बंजारे ने सेक्टर पर्यवेक्षक और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की मदद से जब जांच करवाई तो पाया गया कि बालिका की उम्र मात्र 17 वर्ष 6 माह है। मौके पर विवाह का कार्ड भी बरामद किया गया, जिसमें विवाह तिथि 26 अप्रैल अंकित थी और बारात कुछ ही घंटों में पहुँचने वाली थी। बालिका के घर में हल्दी की रस्म भी पूरी हो चुकी थी।

परियोजना अधिकारी (सह बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी) सुनील बंजारे ने तत्काल सेक्टर पर्यवेक्षक ऋतु गुप्ता, खेमिन ध्रुव और पुलिस टीम को मौके पर रवाना किया। टीम ने त्वरित कार्यवाही करते हुए परिजनों को समझाइश दी कि 18 वर्ष से कम उम्र में विवाह कराना कानूनन अपराध है। ऐसा करने पर एक लाख रुपये जुर्माना और दो वर्ष तक की जेल की सजा हो सकती है।

इसी के साथ, जिन युवक से विवाह तय किया गया था, उसे भी स्पष्ट रूप से बताया गया कि यदि बाल विवाह संपन्न होता है, तो यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम, 2012 (POCSO Act) के तहत कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

परियोजना अधिकारी बंजारे ने कहा कि बाल विवाह एक सामाजिक कुरीति है, जो बालक-बालिकाओं के भविष्य को गहरे संकट में डालती है। समय से पहले विवाह के कारण न केवल वे शिक्षा से वंचित रह जाते हैं, बल्कि मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर भी गंभीर प्रभाव पड़ता है। उन्होंने समाज से अपील की कि यदि कहीं भी बाल विवाह की सूचना मिले, तो तत्काल चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098, नजदीकी आंगनबाड़ी केंद्र अथवा पुलिस थाने में इसकी जानकारी दें, ताकि समय रहते आवश्यक कार्रवाई की जा सके।

इस कार्यवाही के दौरान छुईखदान परियोजना से पर्यवेक्षक ऋतु गुप्ता, खेमिन ध्रुव, कार्यकर्ता अनुपा जांघेल तथा ग्राम के सरपंच, पंच व कोटवार भी उपस्थित रहे। टीम के समन्वित प्रयासों से एक बार फिर यह साबित हुआ कि सजगता और दृढ़ संकल्प से समाज में सकारात्मक बदलाव लाया जा सकता है।

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