छत्तीसगढ़ की कनेक्टिविटी को नई रफ्तार: खरसिया-नया रायपुर-परमलकसा रेल परियोजना को केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी
रायपुर, 7 अप्रैल 2025
रेल, सूचना एवं प्रसारण तथा इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने सोमवार को रेल भवन में आयोजित प्रेस वार्ता में खरसिया-नया रायपुर-परमलकसा रेल परियोजना की घोषणा की। उन्होंने बताया कि यह परियोजना छत्तीसगढ़ की रेल कनेक्टिविटी में क्रांतिकारी बदलाव लाएगी। इस महत्वाकांक्षी योजना पर 8741 करोड़ रुपये की लागत आएगी और यह पूरे राज्य को एक छोर से दूसरे छोर तक जोड़ने में सक्षम होगी।
प्रमुख विशेषताएं:
लंबाई: 278 किमी रूट में 615 किमी लंबी पटरियों का निर्माण
स्टेशन: 21 नए स्टेशन
ब्रिज: 48 बड़े और 349 छोटे पुल
फ्लाईओवर और अंडरपास: 14 फ्लाईओवर, 184 अंडरपास, और 5 विशेष रेल फ्लाईओवर
रेल मंत्री ने कहा कि यह परियोजना छत्तीसगढ़ की औद्योगिक प्रगति के लिए वरदान साबित होगी। बलौदा बाजार और खरसिया जैसे सीमेंट हब अब सीधे जुड़ेंगे जिससे उद्योगों को नई ऊर्जा मिलेगी। परियोजना से सालाना 22 करोड़ लीटर डीज़ल की बचत होगी और लगभग 2500 करोड़ रुपये का व्यय घटेगा।
इस रेल नेटवर्क से ओडिशा से महाराष्ट्र तक की सीमाओं को जोड़ते हुए यह लाइन छत्तीसगढ़ के लिए ‘नई धमनी’ बन जाएगी। साथ ही, कोसा सिल्क जैसे पारंपरिक उत्पादक क्षेत्रों और धार्मिक पर्यटन स्थलों को भी बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ:
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने इस परियोजना को ऐतिहासिक बताते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और रेल मंत्री श्री वैष्णव का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि यह परियोजना रायगढ़, जांजगीर-चांपा, बलौदा बाजार, दुर्ग, रायपुर और राजनांदगांव जैसे प्रमुख जिलों को जोड़ते हुए विकास की नई रेखा खींचेगी।
अन्य महत्वपूर्ण पहलें:
दल्लीराजहरा से रावघाट तक नई लाइन का कार्य लगभग पूर्ण
रायपुर-केन्द्री-धमतरी गेज कन्वर्जन और राजनांदगांव-नागपुर तीसरी लाइन जैसे अनेक प्रोजेक्ट्स पर भी तेज़ी से काम
राज्य में कुल 32 स्टेशनों का पुनर्निर्माण कार्य प्रगति
: यह परियोजना न केवल रोजगार और उद्योग को बढ़ावा देगी, बल्कि छत्तीसगढ़ के सामाजिक और सांस्कृतिक ताने-बाने को और अधिक मजबूत बनाएगी। केंद्र सरकार के बढ़ते निवेश से राज्य की रेल इंफ्रास्ट्रक्चर में ऐतिहासिक विकास देखा जा रहा है।