
रायपुर 8 नवंबर 2025। छत्तीसगढ़ कांग्रेस में जिलाध्यक्षों की नई सूची आने से पहले ही राजनीति गरमा गयी है। पार्टी से निष्कासित पूर्व विधायक बृहस्पति सिंह ने कांग्रेस की सह प्रभारी जरिता लैतफलांग पर जिलाध्यक्षों की नियुक्ति को लेकर लाखों रूपये मांगे जाने का गंभीर आरोप लगाया है। बृहस्पति सिंह ने आरोप लगाया है कि जिलाध्यक्ष बनाने के नाम पर दावेदारों से 5 से 7 लाख रुपए तक की रिश्वत मांगी जा रही है।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ कांग्रेस में व्याप्त गुटबाजी के कारण पार्टी को विधानसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था। इस करारी हार के बाद पार्टी हाईकमान ने मंथन के बाद कई बागी राजनेताओं को पार्टी से बाहर का भी रास्ता दिखाया था। उन्ही निष्कासित राजनेताओं में एक पूर्व विधायक बृहस्पति सिंह भी है। जिनके बयान ने कांग्रेस पार्टी की नीतियों और कार्यप्रणाली पर एक बार फिर सवालिया निशान लगा दिया है।
बृहस्पति सिंह का एक वीडियों सामने आया है, जिसमें वह कहते नजर आ रहे है कि….अभी पूरे देश में राहुल गांधी और कांग्रेस हाईकमान ने बहुत अच्छा निर्णय लिया है कि हर राज्य से प्रेक्षक भेजकर कार्यकर्ताओं के बीच में हर ब्लॉक, हर विधानसभा में जाकर उनकी राय लेकर जिलाध्यक्षों की नियुक्ति करना चाहते हैं। जिससे सेवाभाव से काम करने वाले लोगों की नियुक्ति हो सके। लेकिन इसी बीच जिलाध्यक्षों की नियुक्ति को लेकर कांग्रेस की सह प्रभारी जरिता लैतफलांग के नाम पर पैसों की डिमांड की जानकारी सामने आ रही है।
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बृहस्पति सिंह ने बताया कि बलरामपुर, बैकुंठपुर, अंबिकापुर, सूरजपुर और जशपुर से जो अध्यक्ष के उम्मीदवार हैं। उनकी तरफ से बताया जा रहा है कि एक नंबर से फोन आ रहा है, जिसमें सामने की तरफ से शख्स खुद को कांग्रेस सह प्रभारी जरिता मैडम का पीए बोलता है। इसके बाद जरिता मैडम बात करेंगी कहकर उनसे बकायदा बात कराया जा रहा है और जिलाध्यक्ष बनाने के नाम पर पैसों की डिमांड की जा रही है। उन्होने आरोप लगाया कि किसी से 5 लाख तो किसी से 7 लाख रूपये तक की डिमांड की गयी है।
बृहस्पति सिंह ने आरोप लगाते हुए कहा कि इससे पहले भी प्रदेश प्रभारी कुमारी शैलजा ने विधायक उम्मीदवारों से उन्होंने पैसे वसूले थे। इसके साथ ही पार्टी हाईकमान को गलत जानकारी देकर छत्तीसगढ़ को डूबाने की अहम भूमिका निभाई थी। यहां से जाने के बाद हरियाणा में भी उनकी भूमिका वही रही। बृहस्पति सिंह ने आरोप लगाया कि पहले जिस राह पर कुमारी सैलजा चल रही थी, उसी राह पर आज जरिता मैडम हैं। बृहस्पति सिंह ने इस मुद्दे पर सवाल उठाते हुए कहा कि….अगर इसी तरह 5-7 लाख रिश्वत लेकर जिलाध्यक्षों की नियुक्ति होगी, तो कैसे कांग्रेस का सपना साकार होगा।
कांग्रेस हाईकमान को इस मामले में संज्ञान लेकर कुमारी शैलजा और जरिता लैतफलांग को बाहर करना चाहिए। वहीं दूसरी तरफ इस पूरे मामले में कांग्रेस की सह प्रभारी जरिता लैतफलांग ने कुछ भी कहने से इंकार कर दिया। जबकि कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने बृहस्पति सिंह के आरोपों को पूरी तरह निराधार बताया। उन्होंने कहा कि बृहस्पति सिंह के आरोप मिथ्या बेबुनियाद हैं, वो कांग्रेस से निष्कासित हैं। कांग्रेस में आने का प्रयास भी कर रहे थे। लेकिन उनके आवेदन पर विचार नहीं हुआ है।
