
रायपुर। छत्तीसगढ़ एटीएस (ATS) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए रायपुर में रह रहे तीन बांग्लादेशी घुसपैठियों के पासपोर्ट रद्द कर दिए हैं। आरोपियों ने फर्जी भारतीय दस्तावेजों के सहारे अपनी पहचान बदलकर पासपोर्ट बनवाए थे। एटीएस ने इन घुसपैठियों के आधार कार्ड और वोटर आईडी को भी रद्द कराने के लिए संबंधित विभाग को पत्र भेजा है।
गिरफ्तार किए गए आरोपियों के नाम मो. इस्माइल, शेख अकबर और शेख साजन हैं। ये तीनों भाई बीते आठ सालों से रायपुर में कबाड़ खरीदने-बेचने का काम कर रहे थे। पुलिस जांच में सामने आया है कि तीनों ने टिकरापारा के चॉइस सेंटर संचालक मोहम्मद आरिफ और शेख अली की मदद से फर्जी दस्तावेज तैयार करवाए थे।
टिकरापारा पुलिस ने आरोपी मोहम्मद आरिफ को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि शेख अली बांग्लादेश भाग चुका है। उसे पकड़ने गई टीम खाली हाथ लौट आई।
मुंबई एयरपोर्ट से हुई गिरफ्तारी
पुलिस और एटीएस की संयुक्त कार्रवाई में इन तीनों आरोपियों को 8 फरवरी को मुंबई एयरपोर्ट से उस समय गिरफ्तार किया गया था जब वे इराक भागने की कोशिश कर रहे थे।
रायपुर में फर्जी पहचान पर रह रहे थे
टिकरापारा थाना पुलिस के अनुसार, तीनों भाई रायपुर के संतोषी नगर और अन्य इलाकों में अलग-अलग जगहों पर किराए से रहकर कबाड़ी का काम कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने आधार कार्ड, वोटर आईडी, पैन कार्ड, जन्म प्रमाणपत्र और फर्जी मार्कशीट बनवाए। यूसीसी लागू होने के बाद पकड़े जाने के डर से उन्होंने जन्मतिथि में भी हेरफेर की थी।
फर्जी दस्तावेज बनाने का संगठित रैकेट सक्रिय
जांच में पता चला है कि मोहम्मद आरिफ और शेख अली मिलकर फर्जी दस्तावेज बनवाने का रैकेट चला रहे थे, जिसके माध्यम से लोगों को देश के बाहर भेजा जाता था। एटीएस अब इस रैकेट से जुड़े अन्य लोगों और उनकी अवैधानिक गतिविधियों की जांच कर रही है।
परिवार अब भी बांग्लादेश में
गिरफ्तार आरोपियों के पिता शमसुद्दीन, मां रशीदा, भाई अजगर, बहन सुरैया, इस्माइल की पत्नी यास्मीन और दो बेटियां अब भी बांग्लादेश में रह रही हैं।
यह मामला राज्य में फर्जी दस्तावेजों के जरिए नागरिकता और पहचान छिपाने के बढ़ते मामलों की गंभीरता को दर्शाता है। एटीएस ने स्पष्ट किया है कि ऐसे मामलों में कठोर कार्रवाई जारी रहेगी।


