
रायपुर 3 नवंबर 2025। राजधानी रायपुर के मुजगहन थाना क्षेत्र से एक चिंताजनक मामला सामने आया है, जिसने समाज में फैले अंधविश्वास और जादू-टोना से जुड़े भ्रम की भयावह तस्वीर उजागर कर दी है। जादू-टोना के संदेह में एक युवक ने अपने ही दोस्त की चाकू मारकर हत्या कर दी। आरोपी को सपना आता था कि उसका दोस्त उसे नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहा है, इसी गलत धारणा ने एक परिवार को उजाड़ दिया।
घटना शनिवार सुबह की है। मृतक की पहचान श्याम कुमार ध्रुव (निवासी – छछानपैरी) के रूप में हुई है, जबकि आरोपी संजय नेताम है, जो उसी गांव में रहता है। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है और उससे पूछताछ जारी है।
कैसे हुई वारदात?
मृतक श्याम के भाई कोमल ध्रुव ने पुलिस को बताया कि शनिवार सुबह वह काम पर निकला हुआ था। करीब 11.30 बजे से 12 बजे के बीच आरोपी संजय, श्याम के घर पहुंचा और उससे जादू-टोना को लेकर विवाद करने लगा। आरोप है कि बहस के दौरान संजय ने श्याम को जमीन पर गिराया, उसके ऊपर बैठ गया और जेब से चाकू निकालकर उसके पेट पर बेरहमी से वार कर दिया। वार इतनी गंभीर थी कि श्याम की आतें बाहर आ गईं। परिजन उसे तुरंत उपचार के लिए अंबेडकर अस्पताल, रायपुर ले गए, लेकिन इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
क्यों बढ़ा शक? सपनों से शुरू हुआ वहम
पुलिस के मुताबिक संजय को लंबे समय से यह भ्रम था कि श्याम उसके ऊपर जादू-टोना कर रहा है। पूछताछ में आरोपी ने बताया कि:
- श्याम से मिलने के बाद उसका कोई भी काम सफल नहीं होता था
- रात में उसे सपने आते थे कि श्याम उसे नुकसान पहुंचाएगा या मार देगा
- इन बातों से वह मानसिक रूप से डर गया और श्याम से दूरी बनाने लगा
इन्हीं कारणों से उसने श्याम की हत्या की योजना बना ली।
एक महीने पहले भी हुआ था विवाद
पुलिस ने बताया कि दोनों के बीच पहले भी झगड़ा हो चुका था। एक माह पूर्व संजय अपनी भाभी के साथ श्याम के घर पहुंचा था और उस पर जादू-टोना करने का आरोप लगाकर मारपीट की नौबत पैदा कर दी थी। ग्रामीणों के हस्तक्षेप के बाद मामला शांत हो गया था, लेकिन आरोपी का संदेह और वहम खत्म नहीं हुआ।
हत्या के बाद गांव में दहशत, पुलिस ने बढ़ाई चौकसी
घटना के बाद गांव में तनाव का माहौल है। मुजगहन पुलिस घटनास्थल पर पहुंची, पंचनामा कार्रवाई की और शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा। आरोपी संजय के खिलाफ हत्या का केस दर्ज कर लिया गया है।
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, मामले में अंधविश्वास और मानसिक भ्रम की भूमिका पर भी जांच की जा रही है।
अंधविश्वास बना जानलेवा बीमारी
यह घटना एक बार फिर साबित करती है कि जादू-टोना जैसे अंधविश्वास न केवल सामाजिक बीमारी हैं, बल्कि कई बार जानलेवा भी बन जाते हैं। छत्तीसगढ़ के ग्रामीण क्षेत्रों में इस तरह के मामलों की आवृत्ति चिंता का विषय है।

