कार्बाइड गन से बढ़ते हादसे, नेत्र विशेषज्ञ ने लगाने की मांग की बैन; सोशल मीडिया ट्रेंड्स को ठहराया जिम्मेदार

Spread the love

छत्तीसगढ़ में दीपावली के दौरान कार्बाइड गन के इस्तेमाल से होने वाले हादसों को देखते हुए वरिष्ठ नेत्र विशेषज्ञ डॉ. दिनेश मिश्र ने राज्य सरकार से मध्य प्रदेश की तर्ज पर कार्बाइड गन पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की मांग की है। इस साल दीपावली में मध्य प्रदेश में सैकड़ों बच्चों की आंखों की रोशनी गंभीर चोटों से प्रभावित हुई है। रायपुर में भी एक युवक की आंखें बुरी तरह घायल हुईं, लेकिन समय पर इलाज से रोशनी बचाई जा सकेगी। डॉ. मिश्र ने चेतावनी दी कि लापरवाही से ऐसे मामले बढ़ सकते हैं।

डॉक्टर की मांग और चेतावनी
डॉ. दिनेश मिश्र ने कहा, “मध्य प्रदेश की तरह छत्तीसगढ़ में भी कार्बाइड गन पर बैन लगाया जाए। रायपुर की पुरानी बस्ती में एक युवक कार्बाइड गन से आतिशबाजी कर रहा था, जिससे उसकी आंखों में गंभीर चोटें आईं। वह मेरे पास आया और समय रहते इलाज मिलने से उसकी रोशनी ठीक हो जाएगी, लेकिन रिकवरी में समय लगेगा।” उन्होंने अभिभावकों से अपील की कि बच्चों को ऐसी खतरनाक चीजें न दें और सोशल मीडिया ट्रेंड्स से सावधान रहें। बच्चों की सुरक्षा सबसे ऊपर है।

कार्बाइड गन कैसे बनाती है खतरा
कार्बाइड गन एक खिलौना जैसी डिवाइस है, जिसमें कैल्शियम कार्बाइड डाला जाता है। पानी मिलाने और हिलाने पर रासायनिक प्रतिक्रिया से एसिटिलीन गैस बनती है, जो प्रेशर बढ़ाकर विस्फोट और गैस पैदा करती है। पहले ग्रामीण क्षेत्रों में पशु-पक्षियों को भगाने के लिए इस्तेमाल होती थी, लेकिन अब पटाखों की तरह उपयोग हो रहा है। अगर गन ठीक न बने या गलत तरीके से इस्तेमाल हो, तो यह जानलेवा साबित हो सकती है। सोशल मीडिया पर ‘कार्बाइड चैलेंज’ जैसे ट्रेंड्स वायरल होने से बच्चे इसे खतरनाक तरीके से आजमा रहे हैं, जिससे देशभर में हादसे बढ़े हैं।

मध्य प्रदेश और रायपुर के हादसे
इस दीपावली मध्य प्रदेश में कार्बाइड गन से सैकड़ों बच्चे घायल हुए, जिनमें कई की आंखों की रोशनी गई। छत्तीसगढ़ में भी रायपुर के एक मामले ने अलार्म बजा दिया है। डॉ. मिश्र ने कहा कि लापरवाही से ऐसे हादसे बढ़ेंगे, इसलिए सरकार को तुरंत बैन लगाना चाहिए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

× How can I help you?