स्कूल की 7 प्री-प्राइमरी शिक्षिकाओं और 4 आयाओं की सेवा रविवार को समाप्त कर दी गई। खनिज न्यास (DMF) से भुगतान संभव न होने का हवाला देकर यह कार्रवाई की गई। वेतन न मिलने से पहले से परेशान शिक्षिकाओं में से एक डीईओ कार्यालय में बेहोश हो गईं।

बेमेतरा के स्वामी आत्मानंद स्कूल में
बेमेतरा 27 अक्टूबर 2025। छत्तीसगढ़ के बेमेतरा जिले में शिक्षा व्यवस्था से जुड़ी एक संवेदनशील घटना सामने आई है। जिले के स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम स्कूल में कार्यरत 7 प्री-प्राइमरी शिक्षिकाओं और 4 आयाओं की सेवा रविवार को अचानक समाप्त कर दी गई। जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) कार्यालय में इन्हें बुलाकर आदेश सौंपे गए। इस दौरान माहौल भावुक हो गया और एक शिक्षिका बेहोश हो गई, जिन्हें तत्काल उपचार के लिए अस्पताल भेजा गया।
जानकारी के अनुसार, इन शिक्षिकाओं और आयाओं की नियुक्ति वर्ष 2022-23 में की गई थी। उनके मानदेय का भुगतान जिला खनिज न्यास (DMF) फंड से किया जाता था। बताया गया कि पिछले एक वर्ष से अधिक समय से वेतन का भुगतान नहीं हुआ, जिससे शिक्षिकाएं आर्थिक तंगी से गुजर रही थीं। उन्होंने कई बार जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग से अपनी शिकायत दर्ज कराई, लेकिन कोई ठोस समाधान नहीं निकला।
रविवार को अवकाश के दिन जब उन्हें डीईओ कार्यालय बुलाया गया, तो अधिकांश को उम्मीद थी कि शायद अब बकाया वेतन का समाधान निकलेगा। लेकिन इसके विपरीत उन्हें सेवा समाप्ति का आदेश सौंप दिया गया। आदेश में कहा गया है कि खनिज न्यास और अन्य स्रोतों से भुगतान की व्यवस्था संभव नहीं होने के कारण यह निर्णय लिया गया है।
जिला शिक्षा अधिकारी ने मीडिया से चर्चा में कहा कि यह कर्मचारी नियमित नियुक्ति पर नहीं थे, बल्कि अस्थायी व्यवस्था के तहत कार्यरत थे। उन्होंने कहा, “इन शिक्षिकाओं के जाने से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित नहीं होगी। शिक्षकों की नई व्यवस्था जल्द की जाएगी और रुका हुआ वेतन भुगतान भी शीघ्र किया जाएगा।”
हालांकि, स्थानीय लोगों और अभिभावकों का कहना है कि बेमेतरा जिले में पहले से ही शिक्षकों की कमी है। अब इन 11 कर्मचारियों को हटाए जाने से प्री-प्राइमरी कक्षाओं की पढ़ाई पर गंभीर असर पड़ेगा। कई अभिभावकों ने इसे बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ बताया।
शिक्षिकाओं का कहना है कि उन्होंने पूरी निष्ठा से काम किया, लेकिन न तो उन्हें समय पर वेतन मिला और अब बिना पूर्व सूचना सेवा समाप्त कर दी गई। एक शिक्षिका ने कहा, “हम पिछले कई महीनों से बिना वेतन बच्चों को पढ़ा रहे थे, लेकिन आज हमें नौकरी से ही निकाल दिया गया। यह हमारे लिए दोहरी मार है।”

