
दुर्ग। एलुमिनी भूगर्भशास्त्र विभाग के हर आयोजन में आर्थिक एवं भौतिक रूप से सहयोग करेंगे। यह निर्णय आज भूगर्भशास्त्र विभाग द्वारा आयोजित भूतपूर्व छात्र-छात्राओं से सम्मेलन में लिया गया यह जानकारी देते हुए भूगर्भशास्त्र के विभागाध्यक्ष डॉ. एस.डी. देशमुख ने बताया कि आज शासकीय विश्वनाथ यादव तामस्कर स्नातकोत्तर स्वशासी महाविद्यालय, दुर्ग के भूगर्भशास्त्र विभाग में आयोजित एलुमिनी मीट में 1993 में प्रवेश लिये विद्यार्थियों से लेकर 2024 की परीक्षा में उत्तीर्ण विद्यार्थी भी शामिल हुये। भूतपूर्व विद्यार्थियों ने हाल ही में भूगर्भशास्त्र विभाग से 5 विद्यार्थियों के छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित माइनिंग इंस्पेक्टर की परीक्षा में चयनित होने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि यह विभाग के लिये महत्वपूर्ण उपलब्धि है। भूतपूर्व छात्र आगामी आने वाली प्रतियोगी परीक्षाओं हेतु वर्तमान विद्यार्थियों को मार्गदर्शन देने में हर संभव सहायता करेंगे।

कार्यक्रम का संचालन करते हुए भूगर्भशास्त्र के प्राध्यापक डॉ. प्रशांत श्रीवास्तव ने भूतपूर्व विद्यार्थियों ने जानकारी दी कि भूगर्भशास्त्र विभाग द्वारा 28 अक्टूबर को छत्तीसगढ़ प्रदेश के ऐसे महाविद्यालय जहां भूगर्भशास्त्र अध्ययन की सुविधा है, वहां के लगभग 100 से अधिक छात्र-छात्राएं जियो कान्कलेव नामक कार्यक्रम में हिस्सा लेगें। कार्यक्रम के दौरान पावर प्वाइंट प्रेजेटेंशन, मॉडल प्रतियोगिता, पोस्टर प्रतियोगिता, डिजिटल फोटोग्राफी प्रतियोगिता, क्विज प्रतियोगिता तथा पेबल आर्ट प्रतियोगिता आयोजित होगी एवं विजेताओं को ट्राफी भेंटकर सम्मानित किया जायेगा। डॉ. श्रीवास्तव ने बताया कि भूगर्भशास्त्र विभाग द्वारा महाविद्यालय परिसर में रॉक गार्डन निर्माण किया जाना प्रस्तावित है, परंतु फंड के अभाव में यह प्रस्ताव साकार रूप नहीं ले पा रहा है। इस पर विचार विमर्श करते हुए वे बैठक में उपस्थित भूतपूर्व विद्यार्थियों ने निर्णय लिया कि वे भूविज्ञान विभाग द्वारा छात्रहित में आयोजित हर रचनात्मक गतिविधि में आर्थिक एवं भौतिक रूप से उपस्थित होकर सहयोग करेंगे। इस कड़ी में पहली राशि 11,000/- रूपये भूतपूर्व छात्रा डॉ. प्रज्ञा सिंह ने देने की घोषणा की।

एलुमिनी मीट में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. अजय कुमार सिंह ने अपने संबोधन में भूगर्भशास्त्र विभाग की उपलब्धियों की सराहना करते हुए कहा कि इस विभाग के विद्यार्थी राष्ट्रीय स्तर की शासकीय एवं निजी प्रतिष्ठानों में उच्च पद पर आसीन है तथा लगातार विभाग के सम्पर्क में रहते है। यह अन्य विभाग के एलुमिनी के लिये अनुकरणीय है। अर्थशास्त्र के वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ. ए.के. खान ने भूविज्ञान विभाग के साथ अपने 30 वर्षों से अधिक के संबंधों का उल्लेख करते हुए कहा कि भूगर्भशास्त्र का हर बैच अपने आप में कुछ न कुछ नया करने का प्रयास करता है। हिन्दी के विभागाध्यक्ष डॉ. अभिनेष सुराना ने भूगर्भशास्त्र विभाग के एलुमिनी के उच्च पदों पर आसीन होने के बावजूद एलुमिनी मीट में इतनी बड़ी संख्या में उपस्थित होने पर प्रसन्नता व्यक्त की। इससे पूर्व अपने स्वागत भाषण में विभागाध्यक्ष डॉ. एस.डी. देशमुख ने भूगर्भशास्त्र विभाग की उल्लेखनीय उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए वर्तमान विद्यार्थियों से इसका अनुसरण करने का आव्हान किया। डॉ. प्रशांत श्रीवास्तव द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ एलुमिनी मीट का समापन हुआ। इस एलुमिनी सीट में प्रमुख रूप से उपस्थित भूतपूर्व विद्यार्थियों में जीएसआई रायपुर के डायरेक्टर अमित सोनी, राष्ट्रपत्ति प्राप्त शिक्षिका डॉ. प्रज्ञा सिंह, एम.ई.सी. एल के वरिष्ठ भूवैज्ञानिक भुवनेश्वर कुमार, पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय, रायपुर के डी. विकास स्वर्णकार वरिष्ठ भूवैज्ञानिक पुनीत मोहन श्रीवास्तव, अविनाश रेवतकर, अमित कश्यप, मोना कश्यप, हेमंत धनकर वर्षा चतुर्वेदी, वंदना हरिनखेड़े, लोकेश कुमार सहित बड़ी संख्या में एलुमिनी उपस्थित थे।



