
बिलासपुर, 13 अक्टूबर 2025: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने बिलासपुर में एक महत्वपूर्ण फैसले में बलात्कार के आरोप में 10 साल की सजा काट रहे एक CAF (छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल) जवान को बरी कर दिया है। यह निर्णय जस्टिस नरेश कुमार चंद्रवंशी की एकल पीठ ने सुनाया। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि यह मामला शादी के झूठे वादे पर आधारित बलात्कार का नहीं बल्कि प्रेम संबंध का है।

प्रेम संबंध और सहमति के आधार पर फैसला
हाईकोर्ट ने अपने फैसले में स्पष्ट किया कि पीड़िता बालिग थी और उसने अपनी मर्जी से लंबे समय तक अभियुक्त के साथ समय बिताया था। कोर्ट ने पाया कि दोनों के बीच शारीरिक संबंध सहमति से बने थे। इस आधार पर यह मामला बलात्कार की श्रेणी में नहीं आता।
निचली अदालत के फैसले को पलटा
हाईकोर्ट ने बस्तर जगदलपुर की अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (फास्ट ट्रैक कोर्ट) द्वारा 21 फरवरी 2022 को दिए गए फैसले को रद्द कर दिया। निचली अदालत ने CAF जवान को बलात्कार के आरोप में दोषी ठहराते हुए 10 साल की सजा सुनाई थी। हाईकोर्ट ने अपने निर्णय में इस निष्कर्ष को खारिज करते हुए अभियुक्त को बरी करने का आदेश दिया।
मामले की पृष्ठभूमि
यह मामला तब चर्चा में आया जब पीड़िता ने अभियुक्त के खिलाफ शादी का झूठा वादा करके बलात्कार करने का आरोप लगाया था। हालांकि हाईकोर्ट ने सबूतों और परिस्थितियों का विश्लेषण करने के बाद पाया कि दोनों के बीच प्रेम संबंध थे और पीड़िता ने अपनी मर्जी से अभियुक्त के साथ समय बिताया था।