दुर्ग। विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर सांदीपनी एकेडमी, अछोटी में आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ (IQAC) एवं राष्ट्रीय सेवा योजना (NSS) इकाई के संयुक्त तत्वावधान में एक सार्थक कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों, शिक्षकों और आमजन में मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाना तथा जीवन में मानसिक संतुलन बनाए रखने के उपायों से अवगत कराना था।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में डॉ. प्रमोद गुप्ता (डायरेक्टर, सिम्हान्स) उपस्थित रहे। उन्होंने अपने प्रेरणादायी व्याख्यान में कहा कि “मानसिक स्वास्थ्य ही वास्तविक संपदा है। मन स्वस्थ रहेगा तो शरीर स्वतः स्वस्थ रहेगा।” उन्होंने तनाव प्रबंधन, सकारात्मक सोच, योग, ध्यान एवं संतुलित दिनचर्या के महत्व पर विस्तार से प्रकाश डाला। युवाओं को संबोधित करते हुए उन्होंने भविष्य की चिंता, संबंधों की जटिलता एवं सोशल मीडिया के आकर्षण से बचने के व्यावहारिक उपाय भी बताए।

डॉ. गुप्ता ने कहा कि मानसिक रोगों से पीड़ित व्यक्तियों के प्रति सहानुभूति और सहयोग का भाव रखना समाज की सामूहिक जिम्मेदारी है। उन्होंने मानसिक स्वास्थ्य को दैनिक जीवन का अभिन्न हिस्सा बताते हुए सभी को “स्वस्थ मन, स्वस्थ जीवन” का संदेश दिया।
कार्यक्रम का शुभारंभ प्राचार्य डॉ. स्वाति श्रीवास्तव के स्वागत उद्बोधन से हुआ। विद्यार्थियों ने प्रश्नोत्तर सत्र में अपनी जिज्ञासाओं का समाधान प्राप्त किया। कार्यशाला का संचालन सहायक प्राध्यापक डॉ. मीना पाण्डेय ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन विभागाध्यक्ष डॉ. संध्या पुजारी द्वारा प्रस्तुत किया गया।
यह कार्यक्रम संचालक श्री महेंद्र चौबे के संरक्षण में, प्रशासनिक अधिकारी श्री सुधीर तिवारी, IQAC कोऑर्डिनेटर श्री गुलशन कुमार बेहेरा, तकनीकी सहायक श्री जितेश कुमार साहू, NSS कार्यक्रम अधिकारी एवं समस्त स्टाफ सदस्यों के सहयोग से सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।
