रायपुर, 04 अगस्त 2025 — छत्तीसगढ़ में शिक्षा व्यवस्था को और सुदृढ़ करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया जा रहा है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने सोमवार को राजधानी रायपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में राज्य में 5000 नए शिक्षकों की भर्ती की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह प्रक्रिया शीघ्र ही शुरू की जाएगी।
मुख्यमंत्री साय ने बताया कि जब से उन्होंने शिक्षा विभाग का प्रभार संभाला है, उनकी प्राथमिकता रही है कि विभाग को गहराई से समझते हुए उसमें सुधार की दिशा में ठोस कार्य किया जाए। उन्होंने कहा कि एक विस्तृत समीक्षा बैठक के बाद यह बात सामने आई कि राज्य में शिक्षक-छात्र अनुपात राष्ट्रीय औसत से बेहतर होने के बावजूद, उनका वितरण असमान है।
शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण और ग्रामीण क्षेत्रों में सुधार
मुख्यमंत्री ने बताया कि शहरी क्षेत्रों की तुलना में ग्रामीण क्षेत्रों में छात्रों की संख्या अधिक है, लेकिन शिक्षकों की कमी बनी हुई थी। इसे ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया शुरू की, जिसका परिणाम यह रहा कि अब छत्तीसगढ़ का कोई भी स्कूल शिक्षक विहीन नहीं है। उन्होंने इरकभट्टी जैसे दूरस्थ गांवों का उदाहरण देते हुए बताया कि वहां वर्षों से बंद पड़े स्कूल अब पुनः प्रारंभ हो गए हैं।
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति का सफल क्रियान्वयन
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लागू की गई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को छत्तीसगढ़ में प्रभावी ढंग से अपनाया गया है। राज्य में अब 18 स्थानीय भाषाओं और बोलियों में प्राथमिक शिक्षा दी जा रही है, जिससे बच्चों की सीखने की क्षमता में भी बढ़ोतरी हुई है।
शिक्षा क्षेत्र में निवेश और उच्च तकनीकी सुविधाएं
उन्होंने यह भी बताया कि 133 करोड़ रुपये का बजट स्कूल भवनों के रखरखाव के लिए स्वीकृत किया गया है। इसके साथ ही पीएम-श्री स्कूल योजना के तहत छात्रों को हाई-टेक सुविधाएं भी प्रदान की जा रही हैं। छात्रावासों की स्थिति को सुधारने के लिए भी आवश्यक कदम उठाए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने विश्वास जताया कि यह कदम राज्य में शिक्षा की गुणवत्ता को एक नए स्तर तक पहुंचाएंगे और आने वाले समय में छत्तीसगढ़ देशभर में एक आदर्श शैक्षणिक राज्य के रूप में पहचाना जाएगा।